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Friday, February 22, 2013

ज्योतिष शास्त्र में इंजीनयर योग :

ज्योतिष शास्त्र में इंजीनयर योग :
1- शनि और बुध की दूरी 100 अंश पर हो !
2- शनि पंचम भाव में स्तिथ हो और बुध एकादश भाव में स्थित हो तो जातक इंजिनियर होता है!
3-  मंगल और राहु की युति होने का जातक मैकेनिकल इंजिनियर होता है !
4- जन्मकुंडली में बुध करक और शुक्र शनि की युति हो तो ऐसा जातक  इंजिनियर होता है !
5- यदि किसी जातक की कुंडली मकर लग्न की हो और लग्नेश लग्न पंचम, नवम अथवा दशम भाव में स्थित हो, चतुर्थ भाव तथा एकादश भाव का अधिपति मंगल का शनि से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध हो तथा बुध पर शनि की द्रष्टि हो तो ऐसा जातक मैकेनिकल इंजिनियर होता है !
6- कर्क लग्न में लग्नेश चंद्रमा तथा सप्तमेश अथवा अष्टमेष शनि के साथ लग्न , चतुर्थ अथवा दशम भाव में युति कर रहा हो तथा उसपर शुक्र की पूर्ण द्रष्टि दाल रहा हो तो ऐसा जातक कंप्यूटर दिजैनिंग इंजिनियर होता है !

ज्योतिष शास्त्र में नौकरी का प्रश्न ;

ज्योतिष शास्त्र में नौकरी का प्रश्न ;
1- प्रश्न कुंडली में यदि दशमेश और लग्नेश दोनों ही लग्न भी में स्थित हो या एक दुसरे को देखते हो या एक दुसरे के भाव को देखते हो तो विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से पास होता है !
2- यदि लग्नेश तथा दशमेश एक दूसरे से द्रस्थ हो अथवा त्रिकोण भावों में स्थित हो तो प्रशनकर्ता तृतीय श्रेणी का पास होता है !
3- यदि दुसरे भाव का अधिपति का लग्नेश अथवा दशम भाव के अधिपति से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध हो जाये तो प्रशनकर्ता साक्षात्कार में पास होता है!

Wednesday, February 20, 2013

भवन योग:

भवन योग:
1- लग्न भाव का अधिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो
2- चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो
3- लग्नाधिपति चतुर्थ भाव में हो और चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न में स्थित हो
4- लग्नाधिपति और चतुर्थ भाव का अधिपति केंद्रीय भाव में स्थित हो
5- लग्न भाव का अधिपति और चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न पंचम और नवम भाव में स्तिथ हो
6- चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक स्वयं भवन का निर्माण करता है
7- चतुर्थ भाव का अधिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक माँ के द्वारा भवन प्राप्त करता है
8- चतुर्थ भाव का अधिपति सप्तम भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक ससुराल के द्वारा भवन प्राप्त करता है

Tuesday, February 12, 2013

धनु लग्न और नीलम :

धनु लग्न और नीलम :
धनु लग्न में शनि दुसरे और तीसरे भाव का अधिपति होता है अत : इसके अतिरिक्त इसकी लग्नेश गुरु के साथ भी शत्रुता है इसलिए इस लग्न के लिए शनी को शुभ ग्रह नहीं मन गया है इस लग्न के जातक को कभी भी नीलम धारण नहीं करना चाहिए इसे धारण करने से लाभ की अपेक्षा  हानि का सामना करना पड़ता है इसे धारण करने से  धन  हानि का  सामना करना पड़ता है इसके अलावा जातक को जीवन संकट का भी सामना करना पड़ता है और जातक को अचानक व्यपार में भी क्षति होती है और उसे सामाजिक मन हानि का भी सामना करना पड़ता है !

तुला लग्न और पन्ना :

तुला लग्न और पन्ना :
तुला लग्न में बुध ग्रह नवम और बाहरवें भाव  का अधिपति होता है और इसके अलावा यह लग्नेश शुक्र का भी अभिन्न मित्र है इसलिए इस लग्न के लिए इस ग्रह को शुभ मन गया है ! इस लग्न के जातक को आजीवन पन्ना धारण करना चाहिए इसे धारण करने से शिक्षा, वहां भूमि प्रेम संबंधों में सुधार होता है और जातक का भाग्योदय होता है यदि जातक को कोई भी त्वचा स्वास सम्बन्धी रोग हो तो वह दूर होता है !

Thursday, February 7, 2013

मीन लग्न और मूंगा :

मीन लग्न और मूंगा :
मीन लग्न में मंगल दुसरे और नवम भाव का अधिपति होता है इसलिए इसे शुभ और योगकारक ग्रह मन गया है ! इस लग्न के जातक को मूंगा धारण करने से जातक का भाग्योदय होता है और जातक के सभी रुके हुए कार्य संपन्न होते है और उसे आकस्मिक धन लाभ भी होता है ! इसे धारण करने से जातक के रक्त सम्बन्धी रोग भी दूर हिते है और जातक को  पुलिश विभाग और चिकित्सा विभाग में उच्च पद की प्राप्ति होती है !

Sunday, February 3, 2013

सिंह लग्न और पुखराज :

सिंह  लग्न और पुखराज :
सिंह लग्न में गुरु पंचम और अस्थम भाव का अधिपति होता है इसलिए इस लग्न के लिए गुरु को शुभ ग्रह मन गया इसके आलावा यह लग्नेश सूर्य का भी अभिन्न मित्र है ! इलसिए इस लग्न के जातक को हमेशा पुखराज धारण करना चाहिए! इसे धारण करने के जातक को प्रेम में सफलता संतान सुख में वृधि आकस्मिक धनलाभ लाटरी शेयर से लाभ एवं मान सम्मान में वृधि होती है ! यदि इसे लग्नेश सूर्य का साथ धारण किये जाये तो अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है !

Saturday, February 2, 2013

धनु लग्न और पुखराज :

धनु लग्न और पुखराज :
धनु लग्न में गुरु नवम एवं बारहवे भाव का अधिपति होता है इसीलिए इस ग्रह को शुभ मन गया है ! इस लग्न के जातक को आजीवन पुखराज धारण करना चाहिए! इसे धारण करने से जातक के सभी मांगलिक कार्य सम्पूर्ण होते है और जातक का भाग्य उदय होता है! जातक को शिक्षा वाहन भूमि और भवन सुख प्राप्त होता है ! इसे यदि मुंगे अथवा माणिक्य के साथ धारण किया जाये तो ज्यदा लाभप्रद होता है!