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Sunday, June 30, 2013

Astrology and disease

ज्योतिष शास्त्र में रोग विचार 
१- यदि षष्टम भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को सीर सम्बन्धी रोग होने का भय रहता है!
२- यदि छठवे भाव का अधिपति द्वित्यीय भाव  स्थित हो तो ऐसे जातक को नेत्र सम्बन्धी रोग होता है !
३- यदि छठवे भाव का अधिपति तृतीय भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को गले सम्बन्धी तो होने का भय रहता है !
४- यदि षष्ट भाव का स्धिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को दिल सम्बन्धी तोग होए का भय रहता है !
५- यदि षष्ट भाव का अधिपति पंचन भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को पेट सम्बन्धी रोग होने का भय रहता है !
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Wednesday, June 26, 2013

Astrology

Friday, February 22, 2013

ज्योतिष शास्त्र में इंजीनयर योग :

ज्योतिष शास्त्र में इंजीनयर योग :
1- शनि और बुध की दूरी 100 अंश पर हो !
2- शनि पंचम भाव में स्तिथ हो और बुध एकादश भाव में स्थित हो तो जातक इंजिनियर होता है!
3-  मंगल और राहु की युति होने का जातक मैकेनिकल इंजिनियर होता है !
4- जन्मकुंडली में बुध करक और शुक्र शनि की युति हो तो ऐसा जातक  इंजिनियर होता है !
5- यदि किसी जातक की कुंडली मकर लग्न की हो और लग्नेश लग्न पंचम, नवम अथवा दशम भाव में स्थित हो, चतुर्थ भाव तथा एकादश भाव का अधिपति मंगल का शनि से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध हो तथा बुध पर शनि की द्रष्टि हो तो ऐसा जातक मैकेनिकल इंजिनियर होता है !
6- कर्क लग्न में लग्नेश चंद्रमा तथा सप्तमेश अथवा अष्टमेष शनि के साथ लग्न , चतुर्थ अथवा दशम भाव में युति कर रहा हो तथा उसपर शुक्र की पूर्ण द्रष्टि दाल रहा हो तो ऐसा जातक कंप्यूटर दिजैनिंग इंजिनियर होता है !