भवन योग:
1- लग्न भाव का अधिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो
2- चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो
3- लग्नाधिपति चतुर्थ भाव में हो और चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न में स्थित हो
4- लग्नाधिपति और चतुर्थ भाव का अधिपति केंद्रीय भाव में स्थित हो
5- लग्न भाव का अधिपति और चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न पंचम और नवम भाव में स्तिथ हो
6- चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक स्वयं भवन का निर्माण करता है
7- चतुर्थ भाव का अधिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक माँ के द्वारा भवन प्राप्त करता है
8- चतुर्थ भाव का अधिपति सप्तम भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक ससुराल के द्वारा भवन प्राप्त करता है
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