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Wednesday, July 17, 2013

ज्योतिष शास्त्र में तपेदिक रोग:


१ यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में लग्न भाव में शनि और चंद्रमा स्थित हो और उस पर मंगल का पूर्ण प्रभाव हो तो ऐसे व्यक्ति को तपदिक रोग होने का भय होता है !
२ यदि ककर राशी अथवा सिंह राशी पह सूर्य और चंद्रमा युति करके स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति को तपदिक रोग होने का भय रहता है !
३ यदि लग्न भाव का अधिपति और शुक्र एकसाथ त्रिक भावों में स्थित हो!
४ यदि बुध कर्क राशी में स्थित हो तो भी व्यक्ति को तपदिक रोग होने का भय रहता है @
५ आठवे भाव में पापग्रह पंचम भाव में शनि और लाभ भाव में सूर्य स्थित हो तो भी व्यक्ति को तपदिक रोग होने का भय रहता है!

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