७- यदि छठे भाव का अधिपति उसी भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक सो जांघ सम्बन्धी रोग होने का भय रहता है !
८- यदि छठे भाव का अधिपति सप्तम भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को गुप्त रोग होने का भय रहता है !
९- यदि छठवे भाव का अधिपति अस्ठ्म भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को अंड कोष सम्बन्धी रोग का सामना करना पड़ता है !
१ ० - यदि छठवे भाव का अधिप
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