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Saturday, July 20, 2013

ज्योतिष शास्त्र में गले सम्बन्धी रोग :

ज्योतिष शास्त्र में गले सम्बन्धी रोग :
१- यदि किसी व्यक्ति की  जन्मकुंडली के तीसरे भाव में पापग्रह स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति तो गले सम्बन्धी रोग होने का भय रहता है !
२- तीसरे भाव का अधिपति बुध के साथ छठवे भाव में स्थित हो !
३ - केंद्र या त्रिकोण भावों में राहु स्थित हो तो गले सम्बन्धी रोग होता है !
४- सूर्य के साथ रहू त्रिक भावों में स्थित हो तो व्यक्ति को गले सम्बन्धी रोग होने का रोग होता है !
५ - चंद्रमा के साथ लग्नेश त्रिक भावों में स्थित हो तो व्यक्ति को गले सम्बन्धी रोग होता है !
६ - सूर्य की महादशा में शुक्र की  अंतरदशा हो तो ऐसे समय व्यक्ति को गले सम्बन्धी रोग होने का भय रहता है !
७ - तीसरे भाव में नीच राशिगत शत्रुराशिगत या अस्त ग्रह हो तथा उसे पापग्रह देखते हो तो व्यक्ति को गले सम्बंची रोग होने का भय रहता है !
Dr. Brahamadutt sharma
www.brahmjyotish.com

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