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Sunday, October 20, 2013

ज्योतिष शास्त्र में वाहन योग:


१- जन्मकुंडली के चतुर्थ भाव को वहां से सम्बंधित मन गया है ! यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में चतुर्थ भाव का अधिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को वाहन का पर्प्याप्त सुख प्राप्त है !
२- यदि किसी जातक की जन्म्कुंडली में चतुर्थ भाव में शुभ भावो के अधिपति स्थित हो तो ऐसे जातक को वाहन सुख प्राप्त होता है !
३ यदि चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न, सप्तम और बषम भाव के अधिपति से साथ स्थित हो तो भी ऐसे जातक को वाहन का सुख प्राप्त होता है !
४-चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो और चतुर्थ भाव का अधिपति लग्न भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को स्वयं के प्रयास के वाहन सुख की प्राप्ति होती है !
Dr. Brahamadutt sharma
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