१- यदि किसी जातक कि कुंडली में सूर्य का गोचर दशम भाव में आता है तो ऐसे जातक को पिता और राज्य पक्ष के हानि का सामना करना पड़ता है और उसी मकान, भूमि और वाहन सम्बंधित क्षति होने का भी भय रहता है ! इस समय जातक को माता के वियोग का सामना करना पड़ता है और उसका स्थान पलायन भी करना पड़ता है !
२- यदि किसी जातक कि कुंडली में सूर्य का गोचर एकादश भाव में आता है तो ऐसे जातक को हाथ में रोग अथवा चोट लगने का खतरा रहता है और उसके आजीविका के साधनो में भी कमी होने लगती है! इसके अतिरिक्त उसे प्रेम के क्षेत्र में असफलता प्राप्त होती है और उसे अचानक धन क्षति का समना करना पड़ता है!
३- यदि किसी जातक कि कुंडली में सूर्य का गोचर द्वादश भाव में आता है तो ऐसे जातक को विदेश यात्रा के अवसर प्राप्त होता है और उसे रुके धन कि प्राप्ति होती है! इस समय जातक को शत्रु और कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है ! इस समय जातक का अधिकांश समय यात्राओ में व्यतीत होता है और उसके मामा अथवा मौसी को परेशानियो का सामना करना पड़ता है! उन्हे धन क्षति भी होती है !
Dr. Brahamadutt sharma
www.brahmjyotish.com
Thanks for share such knowledge. Love marriage spell
ReplyDelete