१ यदि किसी जातक कुंडली में चंद्रमा का गोचर लग्न भाव में आता है तो ऐसे जातक मानसिक रूप से चंचल होता है तथा उसके प्रत्येक निर्णय भावनात्क दृष्टि से लिए जाते है! इस समय जातक को किसी समस्या के निदान होने के राहत प्राप्त होती है और उसके मन में प्रशन्नता रहती है ! यदि यह अपनी उच्च राशि में आता है तो जातक को पूर्व दिशा के विशेष लाभ मिलता है और उपरोक्त फलों में वृद्धि होती है ! इसके साथ ही उसे शारीरिक दृष्टि से रोगमुक्ति भी मिलती है !
२ यदि किसी जातक कुंडली में चंद्रमा का गोचर दुसरे भाव में आता है तो ऐसे जातक को आर्थिक दृष्टि का लाभ प्राप्त होता है और यदि चंद्रमा अपनी उच्च अथवा स्व राशिगत हो तो जातक सा आर्थिक लाभ में वृद्धि होती है और यदि उसे आँख में यदि कोई रोग होता है तो उससे मुक्ति प्राप्तहोती है ! इस समय जातक को जलीय स्थानो से लाभ प्राप्त होता है और यदि वह कला से क्षेत्र का सम्बंधित होता है तो उसे कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है ! इस समय जातक को उत्तर -पूर्व दिशा से विशेष लाभ प्राप्त होता है !
Dr. Brahamadutt. Sharma
www.brahmjyotish.com
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