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Friday, November 8, 2013

चंद्रमा का गोचरीय फलादेश :

१- यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा का गोचर नवम  भाव में अपनी उच्च राशि अथवा अपनी राशि पर आता है तो ऐसे जातक को मांगलिक और आध्यत्मिक यात्रा करनी पड़ती है और उसे समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है तथा उसकी मनोकामना पूर्ण होती है! इस समय जातक को लाटरी सट्टे के भी लाभ प्राप्त होता है तथा दक्षिण पश्चिम दिशा से लाभ प्राप्त होता है ! इस समय जातक के रुके हुए कार्य भी पूर्ण होती है ! यदि चंद्रमा अपनी नीच राशि पर स्थित हो तो उपरोक्त फलो में कमी आती है और जातक के बनते कम बिगड़ने लगते है !
२ यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा का गोचर दशम   भाव में अपनी उच्च राशि अथवा अपनी राशि पर आता है तो ऐसे जातक को राज्य और पिता पक्ष से लाभ प्राप्त होता है तथा जातक को व्यापार से लाभ प्राप्त होता है ! इस समय जातक को नये आजीविका के स्रोत प्राप्त है और उसके द्वारा शुरू किये गए कार्य उसी लाभ प्रदान करते है ! इस समय जातक को दक्षिण दिशा से लाभ  प्राप्त होता है !
Dr. Brahamadutt sharma
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