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Wednesday, November 6, 2013

चंद्रमा का गोचरीय फलादेश :

चंद्रमा का गोचरीय फलादेश :
१ यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा का गोचर सप्तम भाव में अपनी  राशि अथवा स्वराशि पर आता है तो ऐसे जातक को ग्रहस्थ सुख कि प्राप्ति होती है और उसकी मनोकामनाये पूर्ण होती है! जातक को पत्नी अथवा ससुराल पक्ष कि और से शुभ समाचारो की प्राप्ति होती है और उसे पश्चिम दिशा के विशेष लाभ की प्राप्ति होती है ! ऐसा जातक भावनात्मक रूप से अपना कोई भी कार्य संपन्न करने में सफल रहता है ! यदि चंद्रमा अपनी नीच राशि में हो तो ऐसा जातक को पत्नी को शारीरिक क्षति का सामना करना पड़ता होई और उसे इनको लेकर मानसिक परिशानियों का सामना करना पड़ता है! उसे पश्चिम दिशा से कार्य व्यापर में हानि का सामना करना पड़ता है !
२ यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा का गोचर अष्टम भाव में अपनी  राशि अथवा स्वराशि पर आता है तो ऐसे जातक को रोग से मुक्ति प्राप्त होती है और किसी कि मृत्यु होने के पश्चात उसे किसी कार्य में सफलता प्राप्त होती है ! उसे दक्षिण-पशिचम दिशा के लाभ कि प्राप्त होती है ! यदि चंद्रमा अपनी नीच राशि में हो तो ऐसे जातक को मृत्युतुल्य कष्टो का सामना करना पड़ता है !
Dr. Brahamadutt sharma
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