ज्योतिष शास्त्र में प्रेम विवाह योग :
१- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में पंचम भाव का अधिपति सप्तम भाव में स्थित हो और सप्तम भाव का अधिपति पंचम भाव में स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह होता है!
२ यदि सप्तम भाव का आधी पति लग्न भाव में भी हो और इसका सम्बन्ध पंचम और सप्तम भाव से हो जाये तो ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह होता है !
३- यदि सप्तम, पंचम और लग्न भाव का अधिपति एक साथ इन्ही भावों में स्थित हो तो भी ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह हो जातक का प्रेम विवाह होता है !
१- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में पंचम भाव का अधिपति सप्तम भाव में स्थित हो और सप्तम भाव का अधिपति पंचम भाव में स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह होता है!
२ यदि सप्तम भाव का आधी पति लग्न भाव में भी हो और इसका सम्बन्ध पंचम और सप्तम भाव से हो जाये तो ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह होता है !
३- यदि सप्तम, पंचम और लग्न भाव का अधिपति एक साथ इन्ही भावों में स्थित हो तो भी ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह हो जातक का प्रेम विवाह होता है !
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