सप्तम भाव में बुध
यदि किसी जातक का सप्तम भाव में बुध अपनी उच्च राशी
कन्या अथवा मित्र राशी मिथुन पह स्थित हो तो ऐसे जातक की पत्नी शिक्षित,
सम्मानित भाषण कला में प्रवीण तथा मधुर वाणी से युक्त होती है ! वह पति से
अनुकूल आचरण करने वाली होती है ! बुध एक राजसी ग्रह होने के कारन जातक के
वैवाहिक जीवन को सुख्पुरण बनता है ! यदि बुध ग्रह पापग्रह के साथ इस
भाव में स्थित हो अथवा पापग्रह की द्रष्टि से युक्त हो तो तलाक भी हो जाता
है ! सप्तम भाव में राहु की स्थति जातक की पत्नीको आत्म हत्या करने को
मजबूर कर देती है तथा दुर्घटना का भी भय बना रहता है ! इस स्थिति में जातक
का विवाह भी विलम्ब से होता है तथा यह निम्न विजातीय यौन कम्बंधो को कायम
करवा देती है!
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