सप्तम भाव में विभिन्न ग्रहों की स्थति एवं द्रष्टि फल :
प्रत्येक ग्रह सप्तम भाव में स्थित होकर अलग अलग फल प्रदान करता है ! यह फल सम्पूर्ण रागानुसार चक्र को प्रभावित करता है !
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सूर्य : सूर्य सप्तम भाव में स्थित हो अथवा इस भाव पर द्रष्टि डालता हो
तो ऐसे व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न होती है! सप्तम भाव में
सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति के विवाह में विलम्ब होगा! ऐसे व्यक्ति की
पत्नी के जीवन को खतरा होता है तथा व्यक्ति का दूसरा विवाह भी संपन्न हो
जाता है ! सूर्य एक प्रथाक्त्वादी ग्रह होता है! इस कारन यह व्यक्ति के
वैविहिक संबंधों में कटुता उत्पन्न करता है तथा पति पत्नी माँ तलाक होने
होने का प्रबल योग होता है ! सूर्य की यह स्थिति व्यक्ति की पत्नी को
क्रोधी, कृतघ्न एवम त्रिस्क्रत बनती है! ऐसे व्यक्ति को गृहस्थ सुख का
अभाव पाया जाता है !
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