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Monday, January 14, 2013

शनि का लग्न अथवा सप्तम भाव में स्थित होना अथवा इन भावों पर शनि की 3,7,10 वी पूर्ण द्रष्टि होने की स्थिति में जातक के दो विवाह होते है ! यदि जन्मकुंडली में शनि शुक्र पर शनि की 3,7,10 वी पूर्ण द्रष्टि हो तो जातक के यौन संबंधो में वृधि होगी अथवा उसके जीवनसाथी के यौन सम्बन्ध उसके अतिरिक्त अन्यो से भी होते है ! जिसका परिणाम यह होता है की ऐसे स्त्री अथवा पुरुष या तो स्वयं अपने जीवनसाथी को त्याग देता है अथवा  द्वारा त्याग दिया जाता है ! शनि की  सप्तम भाव पर पूर्ण द्रष्टि वैवाहिक विलम्ब करती है! शनि की  द्रष्टि यदि सूर्य पर हो तो ऐसे स्त्री पुरुष अपने जीवनसाथी का लड़-झगड़ कर वैवाहिक जीवन को नरक बना लेते है ! शनि की यह स्थित सुखद नहीं होती! समस्त जीवन एक दीर्घ दू स्वप्न बन जाता है !

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