सप्तम भाव में गुरु
यदि किसी जातक के सप्तम भाव में गुरु अपनी मित्र,
स्वराशी अथवा उच्च राशी पर स्थितर हो तो ऐसे जातक का वैवाहिक जीवन शुभ होता
है! ऐसे जातक की पत्नी शिक्षित सुसील अवम गुणवान होती है ! वह पत्नी अपने
पति की आज्ञा का पालन करनेवाली होती है !
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