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Monday, January 7, 2013

Jyotish shastra me prashan vichar

ज्योतिष शास्त्र में प्रश्न विचार
सामान्यता एक समय में एक ही प्रश्न का ही विचार करना चाहिए लकिन यदि कोई व्यक्ति अपनी परस्थितियों से लाचार होकर एक ही समय या एक ही लग्न में अनेक प्रशन करे तो उसके विविध प्रश्नों का विचार इक प्रकार प्रकट करना चाहिए
1- प्रथम प्रशन का विचार प्रशन लग्न के करना चाहिए
2- दुसरे प्रशन का विचार चन्द्रमा की स्थित राशी को लग्न मानकर करना चाहिए
3- तीसरे प्रशन का विचार सूर्य स्थित राशी को लग्न मानकर करना चाहिए
4- चतुर्थ प्रशन का विचार गुरु स्थित राशी को लग्न मानकर करना चाहिए इ
5- पंचम प्रशन का विचार बुध और शुक्र में से जो बलवान ग्रह हो वह जिस भाव में स्थित हो उस भाव मे स्थित राशी को लग्न मानकर करना चाहिए

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