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Saturday, January 12, 2013

सप्तम भाव में राहु :

सप्तम भाव में राहु :
यदि किसी जातक की कुंडली में सप्तम भाव में राहु स्थित हो अथवा सप्तम भाव पर पूरण द्रष्टि ढाल रहा हो तो ऐसे जातक की पत्नी कुरूप, दुष्ट स्वभाव्युक्त, क्रोधी, कुशीला, कृपन,  दुश्चरित्र तथा तिरस्कृत होती है! राहु प्रथक्तावादी ग्रह होने के कारन यह जातक के वैवाहिक संबंधो को तलाक तक भी पहुंचा देती है! सप्तम  भाव में राहु की यह स्थति जातक की पत्नी को आत्म् हत्या करने को मजबूर करती है! तथा दुर्घटना से भी  भय उत्पन्न करती है! इस स्थिति में जातक का विवाह भी विलम्ब से होता है!

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